What's your dream book summary in hindi by Simon Squibb

 WHAT'S YOUR DREAM 

book summary in hindi by


परिचय (Introduction)

हर किसी के दिल में कोई सपना होता है। कुछ लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं, तो कुछ लोग उन्हें अपने मन में ही दबा देते हैं। क्या आप जानते हैं कि आपके सपनों को साकार करने से आपको कौन रोकता है? अक्सर वो कोई और नहीं, बल्कि आप खुद होते हैं। "What's Your Dream" किताब इसी सवाल का जवाब ढूंढती है और हमें यह समझाने की कोशिश करती है कि सपनों को जीने के लिए बहादुरी, स्पष्टता और आत्म-विश्वास की कितनी जरूरत होती है।

Simon Squibb ने इस किताब के माध्यम से हमें बताया है कि हमारे समाज में किस तरह डर, असफलता का भय और सामाजिक दबाव हमारे सपनों को मार देते हैं। इस book summary in Hindi में हम इस किताब के मुख्य विचारों, व्यावहारिक तरीकों और उन अध्यायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जो आपको अपने सपनों को पहचानने और उन्हें साकार करने की दिशा में ले जाएंगे।


लेखक के बारे में (About the author)


Simon Squibb एक सफल उद्यमी, निवेशक और प्रेरक वक्ता हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई व्यवसायों की शुरुआत की है और उन्हें सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। Simon का मानना है कि हर व्यक्ति में एक अनोखी क्षमता होती है, लेकिन अक्सर समाज, डर और खुद की सीमाओं के कारण लोग अपने सपनों को छोड़ देते हैं।

Simon ने "What's Your Dream" किताब के माध्यम से एक क्रांतिकारी संदेश दिया है – हर किसी को अपने सपनों के पीछे जाना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभवों, सफलताओं और असफलताओं से जो सीखा, उसे बड़े ही सरल और प्रभावशाली तरीके से साझा किया है। Simon Squibb ने यह किताब उन सभी लोगों के लिए लिखी है जो अपने सपनों को कहीं खो चुके हैं या उन्हें पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

पुस्तक का अवलोकन (Book Overview)


"What's Your Dream" किताब का मुख्य संदेश यह है कि सपनों को साकार करने के लिए सबसे बड़ी रुकावट खुद हम होते हैं। Simon Squibb बताते हैं कि हर व्यक्ति के भीतर एक सपना होता है, लेकिन बहुत से लोग या तो यह मान ही नहीं पाते कि वो इसे पा सकते हैं, या फिर समाज और डर के दबाव में आकर उसे छोड़ देते हैं।

इस किताब में लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि जीवन में केवल नौकरी करना या किसी और के बनाए रास्ते पर चलना ही समाधान नहीं है। अगर आपके अंदर कोई सपना है, तो आपको उसे पूरी शिद्दत से अपनाना चाहिए। Simon बताते हैं कि लोग अक्सर अपनी असफलताओं से इतने डरते हैं कि वो कोशिश करने से पहले ही हार मान लेते हैं।

Simon इस किताब में बताते हैं कि "सपने देखने का अधिकार हर किसी का है" और सपने पूरे करने के लिए कोई भी समय गलत नहीं होता। इसके लिए आपको खुद पर विश्वास करना होगा, समाज की सीमाओं को तोड़ना होगा और अपने दिल की आवाज सुननी होगी।

किताब में लेखक ने कुछ बहुत महत्वपूर्ण बिंदु समझाए हैं:

सपनों की खोज: सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपका सपना क्या है। बहुत से लोग तो यह भी नहीं जानते कि वो असल में क्या चाहते हैं।

डर को पहचानना: लेखक ने बताया कि डर केवल हमारे मन में होता है। अगर हम उसका सामना करें, तो वो धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।

सपनों को पूरा करने की योजना: सपने बिना योजना के अधूरे होते हैं। Simon ने यह सिखाया कि छोटे-छोटे कदम उठाकर हम बड़े सपनों को साकार कर सकते हैं।

असफलता से दोस्ती: असफलता एक जरूरी प्रक्रिया है। बिना असफल हुए कोई भी व्यक्ति सफल नहीं बन सकता।

समाज के नियम तोड़ें: यदि समाज आपको रोकता है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने सपनों से पीछे हट जाएँ। Simon कहते हैं – "अपने नियम खुद बनाओ।"


यह book summary in Hindi आपको यह समझाने में मदद करेगी कि अपने सपनों को जीना कैसे संभव है और इसके लिए आपको किन मानसिक बाधाओं को पार करना होगा।

Top 5 chapter summary 

1. अपने सपने को पहचानो 

Simon Squibb इस अध्याय में कहते हैं कि जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है – अपने सपने को पहचानना। बहुत से लोग केवल समाज के बनाए हुए रास्तों पर चलते रहते हैं। वो पढ़ाई करते हैं, नौकरी करते हैं, लेकिन कभी खुद से यह नहीं पूछते – "मेरा सपना क्या है?"

गहराई से समझें:
लेखक बताते हैं कि खुद से ईमानदारी से सवाल करना बेहद जरूरी है। आपको खुद से पूछना चाहिए:

मैं क्या करना चाहता हूँ?

मुझे क्या करने से सच्ची खुशी मिलती है?

मैं किस काम को बिना थके कर सकता हूँ?


Simon का मानना है कि जब आप अपने सच्चे सपने को पहचान लेते हैं, तो आप अपने जीवन की दिशा बदल सकते हैं। इसके लिए आपको समाज, माता-पिता या दोस्तों की उम्मीदों को अलग रखकर केवल अपनी आत्मा की आवाज सुननी होगी।

2. डर से बाहर निकलो 

इस अध्याय में लेखक समझाते हैं कि डर ही सबसे बड़ा दुश्मन है। बहुत से लोग इसलिए अपने सपनों का पीछा नहीं करते क्योंकि उन्हें असफलता, समाज की आलोचना या आर्थिक नुकसान का डर होता है।

गहराई से समझें:
Simon कहते हैं कि डर केवल मन में होता है। जब आप डर को चुनौती देते हैं, तब आप उसे हरा सकते हैं।
डर से बाहर निकलने के लिए लेखक ने तीन आसान उपाय बताए हैं:

छोटे-छोटे रिस्क लेना शुरू करें।

बार-बार खुद से कहें – "मैं कर सकता हूँ।"

हर दिन अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने की एक छोटी कोशिश करें।


जब आप अपने डर को स्वीकार करते हैं और फिर भी आगे बढ़ते हैं, तब ही असली सफलता आपके करीब आती है।

3. असफलता से सीखो

Simon कहते हैं कि असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसे गले लगाना चाहिए। कोई भी बड़ा सपना बिना असफलता के पूरा नहीं होता।

गहराई से समझें:
असफलता आपको सिखाती है कि अगली बार क्या नहीं करना है। लेखक के अनुसार असफलता दो चीजें देती है –

अनुभव

मजबूत मानसिकता


Simon अपने अनुभव साझा करते हैं कि उन्होंने कई बार असफलता झेली, लेकिन हर बार उन्होंने उससे कुछ नया सीखा।
अगर आप असफलता को सीखने का जरिया मानते हैं, तो आप कभी हारते नहीं।
असफलता आपके लिए एक सीढ़ी है, जो आपको आपके सपने के करीब ले जाती है।

4. अपने सपने के लिए जोखिम लो

Simon Squibb इस अध्याय में कहते हैं कि बिना रिस्क के सपने अधूरे रह जाते हैं। यदि आप अपने सपने के लिए कोई जोखिम नहीं उठाते, तो आप हमेशा एक सीमित जीवन जीते रहेंगे।

गहराई से समझें:
लेखक बताते हैं कि जोखिम लेने का मतलब यह नहीं कि आप बिना सोचे-समझे सब कुछ दांव पर लगा दें।
छोटे-छोटे कदम उठाकर धीरे-धीरे आगे बढ़ना भी जोखिम लेने का ही हिस्सा है।

Simon सुझाव देते हैं:

अपने वर्तमान काम के साथ-साथ अपने सपने पर काम करना शुरू करें।

हर दिन थोड़ा-थोड़ा रिस्क उठाना सीखें।

सबसे बड़ा रिस्क वही है जब आप कुछ करने की कोशिश ही नहीं करते।


जो लोग जोखिम उठाते हैं, वही लोग अपने सपनों को हकीकत में बदलते हैं।

5. अपने सपनों के नियम खुद बनाओ 

Simon इस अध्याय में कहते हैं कि समाज के बनाए हुए नियम जरूरी नहीं कि आपके लिए सही हों। यदि आप अपने सपनों को जीना चाहते हैं, तो आपको खुद के नियम बनाने होंगे।

गहराई से समझें:
कई बार लोग अपने सपनों को छोड़ देते हैं क्योंकि उनके परिवार, दोस्त या समाज कहते हैं कि "ऐसा नहीं कर सकते।" लेकिन Simon का कहना है कि यह आपका जीवन है, इसके नियम भी आपको खुद बनाने होंगे।

आपको खुद तय करना है कि:

आप कब काम करेंगे।

आप कैसे काम करेंगे।

आप क्या करना चाहते हैं।


जब आप अपने बनाए नियमों पर चलते हैं, तब आपको असली आज़ादी और खुशी मिलती है। इस अध्याय का संदेश है – "अपने रास्ते खुद बनाओ, अपने सपनों के पीछे दौड़ो।"

Practical techniques from book 

ड्रीम जर्नल बनाओ: रोज अपने सपनों और उससे जुड़े विचारों को लिखो। इससे आपको अपने असली पैशन का पता चलेगा।

डेली चैलेंज लो: हर दिन कम से कम एक ऐसा काम करो जो तुम्हें डराता है।

एक्शन प्लान बनाओ: अपने बड़े सपने को छोटे-छोटे कदमों में बांटो और रोज एक छोटा कदम आगे बढ़ो।

नेगेटिव लोगों से दूरी बनाओ: ऐसे लोगों से दूर रहो जो तुम्हारे सपनों को दबाने की कोशिश करते हैं।

सपने को बोलो: अपने सपने के बारे में दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर बात करो ताकि तुम खुद को उस सपने के लिए जिम्मेदार मानो।

अंतिम विचार (Final Thoughts)

"What's Your Dream" किताब एक ऐसी प्रेरणादायक रचना है जो आपको खुद से यह सवाल करने पर मजबूर करती है – "क्या मैं सच में वो जिंदगी जी रहा हूँ जो मैं चाहता हूँ?" Simon Squibb ने बेहद सरल भाषा में यह सिखाया है कि सपनों का पीछा करना एक बहादुरी का काम है और इसके लिए डर, असफलता और समाज की सीमाओं को तोड़ना पड़ता है। अगर आप खुद को कहीं फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो यह किताब आपको नई दिशा दे सकती है। इस book summary in Hindi के माध्यम से यह स्पष्ट है कि सपने देखने और उन्हें साकार करने का सफर आज और अभी से शुरू होना चाहिए।

निष्कर्ष Conclusion 

"What's Your Dream" किताब हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपने सपनों को पहचानना चाहता है और उन्हें पूरा करने की हिम्मत जुटाना चाहता है। Simon Squibb ने अपने अनुभवों और व्यावहारिक तरीकों से यह साबित किया है कि कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता और कोई भी व्यक्ति बहुत छोटा नहीं होता। इस book summary in Hindi से हमें यह सिखने को मिला कि डर, असफलता और सामाजिक नियम बस मानसिक सीमाएं हैं, जिन्हें तोड़कर हम अपने असली जीवन को पा सकते हैं।

अगर आप भी अपने सपनों को सच करना चाहते हैं, तो आज ही छोटा-सा कदम उठाइए, जोखिम उठाइए और अपने जीवन के नियम खुद बनाइए। सपना आपका है, तो उसके लिए लड़ने वाला भी आपको ही बनना होगा।




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